यहाँ कुछ प्रमुख स्टॉक मार्केट संकट या घटनाएं हैं जिन्होंने पिछले 100 वर्षों में भारत पर प्रभाव डाला है, साथ ही इन समयों में सेंसेक्स में लगभग परिवर्तन दिखाई दिया:
- महामंदी (1929-1939): भले ही इस अवधि में भारत पर पश्चिमी देशों की तुलना में प्रभाव कम था, लेकिन इस दौरान एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवसाद था।
- एशियाई वित्तीय संकट (1997-1998): यह संकट दक्षिण पूर्व एशिया में उत्पन्न हुआ था, लेकिन भारत पर भी प्रभाव पड़ा, जिससे स्टॉक मार्केट्स और मुद्रा मूल्यों में तेजी से गिरावट आई।
- डॉट-कॉम बबल फटना (2000): डॉट-कॉम बबल के फटने के बाद सेंसेक्स में लगभग 56% की संशोधन हुई थी।
- वैश्विक वित्तीय संकट (2007-2008): यह संकट अमेरिका में सबप्राइम मोर्टगेज संकट के कारण उत्पन्न हुआ था, जिससे भारतीय बाजारों पर भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा।
- भारतीय स्टॉक मार्केट क्रैश (2008): 2008 के जनवरी में क्रैश के दौरान सेंसेक्स लगभग 60% की संशोधन कर चुका था।
- यूरोपीय ऋण संकट (2010-2012): यह संकट यूरोपीय देशों में ऋण समस्याओं के चलते उत्पन्न हुआ था, जिससे भारतीय बाजारों पर भी असर पड़ा, खासकर निवेशकों की भावनाओं और पूंजी प्रवाहों में।
- टेपर टैंट्रम (2013): जब संयुक्त राज्य फेडरल रिजर्व ने अपनी बोंड-खरीदी कार्यक्रम में बदलाव करने का संकेत दिया, तो यह भारतीय बाजारों में अस्थिरता और संशोधन लाया, जिससे सेंसेक्स लगभग 9% की संशोधन हुई।
- कोविड-19 महामारी (2020): कोविड-19 महामारी के प्रारंभिक दौर में सेंसेक्स लगभग 38% की संशोधन कर चुका था, जिसमें महामारी के अस्पष्टता और आर्थिक प्रभाव का प्रतिबिम्ब था।
युद्ध स्थिति के दौरान स्टॉक मार्केट संकट या घटनाओं के बाद उनके प्राकृतिक संशोधन का विवरण:
- द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945): विश्व युद्ध के दौरान निश्चित सेंसेक्स डेटा उपलब्ध नहीं है क्योंकि इस समय में सूचकांक नहीं था, लेकिन विश्वव्यापी बाजारों में विपरीतताओं और गिरावटों का प्रभाव भारतीय बाजारों पर पड़ा है।
- भारत-पाक युद्ध (1965 और 1971): इन संघर्षों के दौरान, भारतीय बाजारों में अस्थिरता और अनिश्चितता थी। हालांकि, इन अवधियों के लिए सेंसेक्स की निर्दिष्ट संशोधन उपलब्ध नहीं है क्योंकि सीमित ऐतिहासिक डेटा है।
- कारगिल युद्ध (1999): कारगिल विवाद के दौरान भारतीय बाजारों में अस्थिरता आई थी, लेकिन इस अवधि के दौरान सेंसेक्स की निर्दिष्ट संशोधन साफ़ रूप से उपलब्ध नहीं है।
- 9/11 हमले के बाद (2001): 9/11 आतंकी हमलों के बाद, विश्वव्यापी बाजारों में अस्थिरता आई थी। सेंसेक्स की संशोधन लगभग 18% थी, लेकिन सम्भावित प्राकृतिक संशोधन के बाद इसने पुनर्वास हुआ।
- भारत-चीन सीमा तनाव (2020): भारत और चीन के बीच तनाव के दौरान, कोविड-19 महामारी के प्रारंभिक दौर में सेंसेक्स लगभग 38% की संशोधन कर चुका था, जिसमें भौतिक और आर्थिक संकट का असर था, लेकिन समर्थन के बाद सेंसेक्स की संशोधन हुई।
युद्ध स्थिति के दौरान स्टॉक मार्केट संकट या घटनाओं के बाद प्राकृतिक संशोधन का विवरण देखने से हम देख सकते हैं कि बाजारों की पुनर्वासी क्षमता किस प्रकार कार्य करती है।